इस बार 15 जनवरी को मकर संक्रांति

14 जनवरी को रात 2.08 बजे सूर्य होगा उत्तरायण

बच्चे भले ही पंतग 14 जनवरी को उड़ाकर संक्रांति मना लें, किंतु पंचाग के हिसाब से दान पुण्य का पर्व मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनेगा। इसके पीछे सूर्यदेव के 14 जनवरी रात 02.8 बजे उत्तरायण होना है। यानि सूर्य चाल बदलकर धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। यही वजह है कि संक्रांति का पुण्य काल 15 जनवरी सुबह से शुरू होगा।

पुण्य काल यह सुबह 7.21 से शाम 5. 55 बजे तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन तिल से निर्मित वस्तुओं के दान का खास महत्व बताया है। मुख्य रूप से अन्न दान, तीर्थ स्नान, गंगा स्नान आदि करना चाहिए। मंदिरों सहित गरीब, निर्धन और निराश्रित लोगों को कपड़े, भोजन, कंबल आदि और गायों को हरा चारा दान करके पुण्य कमाएंगे। पं. गोविंद शर्मा के अनुसार हर साल 14 दिसंबर से लेकर 14 जनवरी तक मलमास की अवधि रहती है, लेकिन इस बार मलमास 14 और 15 दिसंबर की मध्य रात्रि से शुरू हुआ है और 14 जनवरी रात तक यहीं रहेगा। एक माह तक मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। सूर्य जब धनु राशि में होता है तो उसे मलमास कहते हैं।

 

पिता और पुत्र का होता है मिलन

मकर संक्रांति पर्व को उत्तरायण के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्य उत्तर की ओर बढऩे लगता है जो ठंड के घटने का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सूर्य अपने पुत्र शनि के घर जाते हैं जो मकर राशि के शासक थे। पिता और पुत्र आम तौर पर अच्छी तरह नहीं मिल पाते इसलिए भगवान सूर्य महीने के इस दिन को अपने पुत्र से मिलने का एक मौका बनाते हैं। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण की अवधि देवताओं का दिन तथा दक्षिणायन देवताओं की रात्रि है।

 

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